जब बच्चा खुद को अनसेफ, अपमानित या दबा हुआ महसूस करता है, तो वह पलटकर बोलता है, जिससे वह अपनी स्थिति को स्पष्ट कर सके या खुद को डिफेंड कर सके।
View More
बहुत ज्यादा सख्ती और आजादी की कमी बच्चों को विद्रोही बना देती है। ऐसे में वे अपने विचार जोर से और विरोध में जताते हैं।
View More
यदि पेरेंट्स बच्चे को पर्याप्त इमोशनल हेल्प नहीं करते या प्यार नहीं देते, तो बच्चा उपेक्षित महसूस करता है और गुस्से या चिड़चिड़ेपन के रूप में पलटकर रिएक्ट करते हैं।
View More
बच्चे जैसा देखते हैं, वैसा ही सीखते हैं। अगर वे अपने आसपास पलटकर बोलने वाले बड़ों को देखते हैं, तो वे भी वही व्यवहार अपनाते हैं।
View More
जब बच्चों की बातें सुनी नहीं जातीं और केवल उन्हें आदेश दिए जाते हैं, तो वे विरोध में पलटकर बोलने लगते हैं।
View More
किशोरावस्था में होने वाले हार्मोनल बदलावों के कारण भी किशोर बच्चे ज्यादा सेंसिटिव, इमोशनल और तर्कशील हो जाते हैं। ऐसे में वे हर बात पर प्रतिक्रिया देने लगते हैं।
View More
स्कूल, साथियों या अन्य बाहरी दबावों के कारण जब बच्चा मानसिक तनाव में होता है, तो वह घर में पलटकर बोलकर अपना गुस्सा निकालता है।
View More
यदि बच्चों को हर बात की छूट दी जाए और अनुशासन न सिखाया जाए, तो वे पलटकर बोलने को सामान्य मानने लगते हैं और जवाब देने लगते हैं।
View More
बच्चे भी अपने विचार रखते हैं। जब उन्हें बोलने का मौका नहीं मिलता, तो वे जिद्दी तरीके से अपनी बात कहने लगते हैं।
View More
यदि बच्चे की असहमति जताने पर माता-पिता ज्यादा गुस्सा दिखाते हैं, तो बच्चा पलटकर बोलना अपनी प्रतिक्रिया मान लेता है।
View More
बच्चों का पलटकर जवाब देना केवल डिसिप्लीन का मुद्दा नहीं है, बल्कि ये एक संकेत है कि उन्हें समझने और उनसे बात करने की जरूरत है। ऐसे में, अगर माता-पिता पेशेंस, प्यार और समझदारी से काम लें, तो बच्चों का बिहेवियर अच्छा बनाया जा सकता है।
View More