कब्ज एक ऐसी आम समस्या है जो बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों, हर उम्र के लोगों को कभी न कभी प्रभावित करती है। इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे असंतुलित आहार, खराब लाइफस्टाइल, कुछ दवाओं का नियमित सेवन, पर्याप्त पानी न पीना और लगातार तनाव में रहना। कब्ज की गंभीरता व्यक्ति पर निर्भर करती है।
कुछ लोगों को यह केवल कुछ दिनों के लिए होता है, जबकि कुछ लोग अक्सर इससे परेशान रहते हैं। कई बार इतना गंभीर कब्ज़ हो जाता है कि हफ्ते में तीन-चार दिन तक मल डिस्चार्ज नहीं होता। इस स्थिति में पेट में गैस, अपच, एसिडिटी भारीपन जैसी परेशानियां बढ़ जाती हैं।
पेट में जमा मल समय के साथ सड़ने लगता है और आंतों में जमा होकर सूजन, इन्फेक्शन और कब्ज़ से जुड़ी और समस्याएं पैदा कर सकता है। लंबे समय तक कब्ज़ रहना हाजमे की क्षमता को कम करता है और विटामिन व मिनरल्स के अवशोषण में भी बाधा डाल सकता है।
कब्ज़ से बचने के लिए संतुलित आहार, पर्याप्त पानी, रोजाना हल्की एक्सरसाइज और आयुर्वेदिक घरेलू उपाय अपनाना जरूरी है। इसके अलावा, तनाव कम करने और नियमित मेडिटेशन रूटीन अपनाना चाहिए।
अगर आप कब्ज से परेशान रहते हैं तो आप डाइट में सुधार करना चाहिए । पानी का ज्यादा सेवन करें और कुछ हर्बल प्रोडक्ट का सेवन करें। त्रिफला का सेवन करने से भी कब्ज का इलाज होता है।
एक्सपर्ट ने बताया अगर आपको तीन चार दिनों तक मल डिस्चार्ज नहीं होता तो आप एक चम्मच मुलेठी का सेवन रात को सोने से पहले गर्म पानी के साथ करें। मुलेठी का सेवन करने से कब्ज का इलाज होता है और पाचन दुरुस्त रहता है। आइए जानते हैं कि मुलेठी और त्रिफला कैसे कब्ज का इलाज करते हैं।
त्रिफला तीन फलों — हरड़, बहेड़ा और आंवला — से मिलकर बनता है। यह आयुर्वेद का एक बेहद असरदार और अच्छा उपाय है जो कब्ज और पाचन संबंधी दिक्कतों में राहत देता है। त्रिफला चूर्ण या त्रिफला जूस लेने से आंतें साफ रहती हैं और मल आसानी से बाहर निकलता है।
यह शरीर में जमा हानिकारक तत्वों (टॉक्सिन्स) को बाहर निकालकर पाचन शक्ति को मजबूत बनाता है। इसके नियमित सेवन से बाउल मूवमेंट सही रहता है और पेट हल्का महसूस होता है। अगर किसी को लंबे समय से कब्ज की शिकायत है, तो त्रिफला का नियमित सेवन काफी राहत दिला सकता है।