देहरादून , रोहतक, जींद और पंजाब से दिल्ली आने-जाने वाले लोगों को अब 8-10 किमी लंबा चक्कर लगाकर दिल्ली आने की जरूरत नहीं होगी।
दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों को दिल्ली में डायरेक्ट एंट्री के लिए एनएचएआई दिल्ली-कटरा वेस्टर्न पेरिफेरल इंटरचेंज से यूईआर-2 तक करीब 20 किमी लंबा एलिवेटिड कॉरिडोर निर्माण का प्लान बनाया गया है।
कॉरिडोर का डीपीआर तैयार करने के लिए NHAI किसी प्राइवेट एजेंसी को नियुक्त करने की तैयारी कर रही है। प्रोजेक्ट की लागत करीब 4,000 करोड़ रुपये होगी।
अफसरों का कहना है कि जो लोग दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे के रास्ते दिल्ली आना चाहते हैं, उनके लिए वर्तमान में दो विकल्प हैं।
एक तो वह दिल्ली-कटरा वेस्टर्न पेरिफेरल इंटरचेंज से करीब 7 किमी दूर केएमपी टोल तक आएं और यहां से रोहतक बहादुरगढ़ रोड से दिल्ली में एंट्री करें।
दूसरा दिल्ली-कटरा वेस्टर्न पेरिफेरल इंटरचेंज से करीब 9 किमी आगे आकर बंदा सिंह बहादुर मार्ग से दिल्ली में एंट्री करें।
ऐसे में लोगों की सहूलियत के लिए एनएचएआई निलोठी के पास दिल्ली-कटरा वेस्टर्न पेरिफेरल इंटरचेंज से रोहिणी सेक्टर-38 के बीच 20 किमी लंबा एलिवेटिड कॉरिडोर बनाने का प्लान बनाया है।
इसके लिए डीपीआर तैयार करने के लिए एक प्राइवेट एजेंसी को नियुक्त करने की तैयारी की जा रही है।
यह कॉरिडोर निलोठी के पास दिल्ली-कटरा वेस्टर्न पेरिफेरल इंटरचेज से शुरु होगा और दूसरी तरफ कंझावला - यूईआर-2 के जंक्शन को कनेक्ट करेगा।
इस बीच एलिवेटिड कॉरिडोर लडरावन गांव के खेतों से होते हुए पंजाब खोर और जोटी गांव के बीच से कंझावला और कराला होते हुए गुजरेगा।