Gyan Ganga centers : हरियाणा के सभी जिलों में ज्ञान गंगा केंद्र खोले जाएंगे। इन ज्ञान गंगा केंद्रों से अधिक से अधिक बच्चों को जोड़ा जाएगा, ताकि वह इनका लाभ उठा सकें। यह बात राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा ने जींद के गांव रामराय में श्री ब्राह्मण संस्कृत महाविद्यालय में पंडित केदारनाथ शर्मा संस्कृत भवन (एआई) की आधारशिला रखते हुए कही। उनके साथ उनके पिता पूर्वमंत्री पंडित विनोद शर्मा भी मौजूद रहे।
सबसे पहले पिता-पुत्र ने भगवान परशुराम की विधि विधान से आराधना की और कार्यक्रम में मौजूद लोगों से उनका हालचाल पूछा। कार्यक्रम में कालका विधायक शक्ति रानी शर्मा को भी पहुंचना था लेकिन किसी कारण वह नहीं पहुंची। कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि उनके पिता पंडित विनोद शर्मा ने जो लक्ष्य लिया है, उनके दिखाए रास्ते पर चलते हुए वह उसे पूरा करेंगे।
हरियाणा के सभी 22 जिलों में ज्ञान गंगा केंद्र जल्द खोले जाएंगे। जैसे हमारी संस्कृति है, वैसे ही आने वाला समय आधुनिकता का है, तकनीक का है। हम अपनी संस्कृति को साथ लेकर तकनीक के साथ आगे बढ़ें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को आह्वान किया था की 2047 तक भारत एक विकसित देश के तौर पर स्थापित करना है। इस कहावत को हमें सच करना है।
Gyan Ganga centers : भारत में 2 लाख से ज्यादा स्टार्टअप शुरू हो चुके
शर्मा ने कहा कि हमारा देश कृषि प्रधान है। हमें उससे जुड़े हुए जो स्टार्टअप हैं, उनकी जानकारी प्राप्त करनी है। आज भारत के अंदर लगभग दो लाख से भी ज्यादा के स्टार्टअप शुरू हो चुके हैं। इनमें से 117 यूनिकॉर्न यानी कि ऐसी 117 कंपनियां अरबपति कंपनियां बन चुकी हैं। 70 प्रतिशत इन कंपनियों के मालिक वह लोग हैं, जो गांव, देहात और शहर से निकले हैं, बड़े शहरों से नहीं। इस पंडित केदारनाथ शर्मा संस्कृत भवन (एआई) का अत्याधुनिक भवन ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को पढ़ाई के लिए मील का पत्थर साबित होगा। इस मौके पर सरपंच गंगा प्रसाद, धर्मवीर पिंडारा, फूलकुमार शास्त्री, नरेंद्र नाथ
Gyan Ganga centers : हमें तकनीक के साथ मिलकर चलना है : पंडित विनोद शर्मा
पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा ने कहा कि आज आधुनिकता के इस युग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रचलन बहुत तेजी से बढ़ रहा है। इसके फायदे और नुकसान भी बहुत जल्द देखने को मिलेंगे। किसी भी चीज का फायदा और नुकसान दोनों होते हैं, लेकिन हमें इसके फायदे अपनाने होंगे। आधुनिकता के इस दौर में हमें भी तकनीक के साथ मिलकर चलना है। इसके साथ-साथ हमें हमारी संस्कृति भी जीवित रखनी होगी।












