Kon Hai Sant Rampal Update : हरियाणा में हम आज ऐसे शख्स की कहानी रिपीट कर रहे हैं, जो हत्या, देशद्रोह जैसे संगीन आरोपों में 11 साल से जेल में बंद हैं। यह शख्स एक बार फिर से सुर्खियों में आ गए हैं। इंजीनियरिंग के बाद उन्होंने सिंचाई विभाग में जेई के पद पर नौकरी संभाली लेकिन 1995 में सरकारी नौकरी छोड़कर धार्मिक प्रवचन-सत्संग शुरू कर दिए। दान की जमीन पर आश्रम बनाया तो वहीं से विवाद शुरू हो गया। विवादों के बीच फेमस होते गए और पहचान बनाते गए, साथ ही केस चलते गए। आखिर में मामले इतने बढ़ गए और सरकार के साथ जा टकराए। इसका अंजाम उन्हें जेल जाकर भुगतना पड़ा।
हम बात कर रहे हैं संत रामपाल की। सोनीपत के धनाना गांव में 1951 में जन्मे संत रामपाल 1999 में रोहतक के करौंथा में दान की जमीन पर अपना आश्रम बनाया था। 2006 में आर्य समाज की प्रमुख किताब सत्यार्थ प्रकाश पर आपत्तिजनक टिप्पणी की, जिससे रामपाल आर्य समाज के अनुयायियों के निशाने पर आ गए और आश्रम के बाहर ही टकराव हो गया। इस हिंसक झड़प में एक आर्य समाजी की मौत हो गई और 59 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। संत रामपाल पर धारा 302 के तहत हत्या का केस दर्ज हुआ और उन्हें गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया।
करोंथा आश्रम सील किया तो जेल से बाहर आकर बरवाला में स्थापित किया सतलोक आश्रम
करौंथ आश्रम सील कर दिया गया। 2 साल बाद जेल से बाहर निकले और बरवाला के पास आश्रम बनाकर यहां पर सत्संग शुरू कर दिया। इस आश्रम को सतलोक आश्रम का नाम देकर यहां बड़े स्तर पर सत्संग होने लगा। इसके बाद एक केस की पेशी के दौरान रामपाल समर्थकों का पुलिस के साथ हंगामा हो गया। केस हाईकोर्ट पहुंचा तो रामपाल कोर्ट द्वारा बार-बार बुलाने के बाद भी पेश नहीं हुए। 2013 में फिर से रामपाल के अनुयायी करौंथा आश्रम पर कब्जा की नीयत से घुस गए और यहां झड़प में दो लोग मारे गए।

करौंथ में युवक की मौत के मामले में पेश नहीं होने पर संत रामपाल के खिलाफ गैर जमानती वारंट निकला। 10 नवंबर 2014 को पुलिस को रामपाल को कोर्ट में पेश करना था लेकिन उनके समर्थकों ने उसे आश्रम से बाहर नहीं निकलने दिया। रामपाल के हाईकोर्ट में पेश नहीं होने पर सरकार और प्रशासन को फटकार लगी। पुलिस ने कोर्ट में पेश करने के लिए ऑपरेशन शुरू किया, जो 10 दिन चला था। 18 नवंबर, 2014 को पुलिस ने रामपाल की गिरफ्तारी के लिए आश्रम में प्रवेश करना चाहा तो समर्थकों से टकराव हुआ था।
19 नवंबर तक रामपाल समर्थकों और पुलिस के बीच टकराव रहा। टकराव के बीच छह लोगों की मौत हो गई। दर्जनों लोग घायल हो गए। 20 नवंबर, 2014 को रामपाल को गिरफ्तार कर आश्रम खाली करवाकर पुलिस ने कब्जे में लिया। 11 अक्टूबर, 2018 को हत्या के 2 केसों में संत रामपाल समेत 29 को दोषी करार दिया गया था। इन्हें आजीवन कारावास की कैद हो चुकी है, जबकि देशद्रोह के मामले में अभी सुनवाई जारी है।
अब फिर से सुर्खियों में रामपाल
सतलोक आश्रम संचालक रामपाल फिर सुर्खियों में है। कुछ दिन पहले रामपाल की उम्र कैद की सजा पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी। इसके बाद से ही रामपाल के जितने भी आश्रम हैं, उन सभी में हलचल होने लगी है। रामपाल के अनुयायी कह रहे हैं कि ‘संत महाराज’ बाहर आने वाले हैं। रामपाल बेशक जेल में बंद हैं लेकिन उनका साम्राज्य फैलता जा रहा है। उन्होंने जगत गुरु के नाम से एक वेबसाइट भी बनाई है। एक कॉल सेंटर चलाया जा रहा है, जिस पर विश्वासपात्र लोगों के नंबर दिए गए हैं, जो भारत में कहीं भी रामपाल से नाम दीक्षा दिलाने का दावा करते हैं। इन कॉल सेंटर के नंबर पर ऑप्शन दिए जाते हैं, जिसको जैसी जानकारी रामपाल व उसके कामों के बारे में चाहिए वो सब बताई जाती है।

14 में से 11 केसों में रामपाल बरी हो चुका
रामपाल के वकालतनामा पर हस्ताक्षर करने वाले हिसार के वकील कुलदीप ने बताया कि रामपाल पर लगे 14 केसों में से वह 11 केसों में बरी हो चुके हैं। दो केसों में हाईकोर्ट ने उम्र कैद की सजा को सस्पेंड कर दिया है। ये केस, जिनका मुकद्दमा नंबर 429 और 430 हैं। केस नंबर 428 देशद्रोह का है, जिसमें 1000 से ज्यादा लोग शामिल थे। इनमें से अब ज्यादातर की बेल हो चुकी है। रामपाल ने इस मामले में अभी तक बेल की अर्जी नहीं लगाई है। हिसार में रामपाल का केस लड़ने वाले उनके वकील महेंद्र सिंह नैन बताते हैं कि उनके पास रामपाल का एक केस है, जो अंडर ट्रायल है।











