भारत ने बुधवार को अपनी रक्षा क्षमता में एक और ऐतिहासिक कदम उठाते हुए ओडिशा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज (ITR) से मिसाइल-5 का सफल परीक्षण किया। यह परीक्षण न केवल तकनीकी दृष्टि से महत्वपूर्ण है
बल्कि यह संदेश भी देता है कि भारत अपनी रणनीतिक शक्ति को लगातार मजबूत कर रहा है।रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के अधिकारियों के अनुसार, मिसाइल-5 को अत्याधुनिक तकनीक से तैयार किया गया है। यह लंबी दूरी तक लक्ष्य भेदने की क्षमता रखती है और उन्नत नेविगेशन सिस्टम से लैस है।
शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक, मिसाइल ने सभी परीक्षण मानकों को सफलतापूर्वक पूरा किया और निर्धारित लक्ष्य को सटीकता से भेदा।विशेषज्ञों का कहना है कि मिसाइल-5 का यह परीक्षण भारत को भविष्य में रक्षा संबंधी चुनौतियों से निपटने में और अधिक सक्षम बनाएगा।

यह मिसाइल न केवल पारंपरिक हमलों के लिए बल्कि आधुनिक युद्ध परिदृश्यों में भी उपयोगी साबित होगी।गौरतलब है कि हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत लगातार रक्षा क्षेत्र में सक्रियता दिखा रहा है।
ऑपरेशन के बाद से ही कई नए मिसाइल और हथियार प्रणालियों का परीक्षण किया गया है। रक्षा विश्लेषकों का मानना है
कि यह भारत के “आत्मनिर्भर भारत” अभियान की दिशा में एक बड़ा कदम है, क्योंकि इन परीक्षणों से भारत पर विदेशी हथियारों की निर्भरता कम होगी।अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस परीक्षण को भारत की रणनीतिक तैयारी और तकनीकी क्षमता का परिचायक माना जा रहा है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि इससे भारत की वैश्विक छवि और मजबूत होगी और संभावित खतरों के खिलाफ उसकी स्थिति और ज्यादा सुदृढ़ होगी।चांदीपुर से हुए इस सफल परीक्षण ने एक बार फिर साबित किया है कि भारत आने वाले वर्षों में रक्षा तकनीक के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने की ओर अग्रसर है।













