Jind Civil Hospital : जींद जिले में वर्षा के मौसम में जिला में कई जगह जल जमाव है। इससे बीमारियों भी बढ़ने लगी हैं। एक ओर मरीजों की संख्या बढ़ रही है, वहीं जिला में स्वास्थ्य विभाग के पास पर्याप्त सुविधाएं तक नहीं हैं। जिला में जहां चिकित्सकों की कमी है, वहीं सुविधाओं का भी टोटा है।
जिला में चार नागरिक अस्पताल हैं, इनमें से सिर्फ जींद के ही नागरिक अस्पताल (Jind Civil Hospital) में रेडियोलाजिस्ट उपलब्ध है। यहीं अल्ट्रासाउंड होते हैं। इसके अलावा जिला भर में सुविधा नहीं है। ग्रामीण क्षेत्र में कहने को तो पीएचसी स्तर पर दंत चिकित्सकों को तैनात किया गया है, लेकिन अधिकतर जगह दंत चिकित्सकों के लिए उपकरण नहीं हैं। ऐसे में वहां से मरीजों को नागरिक अस्पताल या सीएचसी पर ही भेजा जाता है।
जिला में चिकित्सकों की भारी कमी है। हालांकि करीब एक महीना पहले ही 18 चिकित्सक नए आए हैं। इसके बावजूद चिकित्सक पूरे नहीं हैं। इसमें भी विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी है। जींद के नागरिक अस्पताल (Jind Civil Hospital) में चिकित्सकों के 60 पद स्वीकृत हैं। यहां पर 40 चिकित्सक कार्यरत हैं। इसी प्रकार नरवाना के नागरिक अस्पताल में चिकित्सा अधिकारियों के 42 पद स्वीकृत हैं।
इसमें महज आठ पर ही चिकित्सक कार्यरत हैं। सभी पीएचसी में दो चिकित्सकों के पद स्वीकृत हैं, लेकिन अधिकतर जगह एक ही चिकित्सक तैनात है। इनमें भी दंत चिकित्सकों के पास भी उपकरण नहीं हैं। जिला में दंत चिकित्सकों के 40 पद स्वीकृत हैं, लेकिन इसमें महज 22 पर ही चिकित्सक तैनात हैं। 18 पद खाली हैं।

प्रतिदिन 1500 मरीज
जिला मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल (Jind Civil Hospital) में प्रतिदिन करीब 1500 मरीज इलाज के लिए दूर दराज से आते हैं। यहां सामान्य रोग चिकित्सक, बच्चों के चिकित्सक, ईएनटी, नेत्र रोग चिकित्सक, हड्डी रोग विशेषज्ञ के पास सबसे अधिक भीड़ रहती है। चिकित्सकों की कमी के कारण मरीजों को काफी इंतजार करना पड़ता है। यदि मरीज को आने में देरी हो जाए तो वह टेस्ट भी नहीं करवा पाता। इसके लिए उसे दोबारा आना पड़ता है।
छह एलटी के सहारे 24 घंटे की लैब
जिला मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल के लैब को 24 घंटे चलाया जा रहा है। कर्मचारियों ने बताया कि यहां महज छह एलटी तैनात हैं। इनसे ही तीनों शिफ्ट में काम लिया जा रहा है। जबकि ओपीडी के समय में प्रतिदिन दो हजार तक सैंपल आते हैं। एक मरीज के दस-दस टेस्ट होते हैं। लैब टेक्नीशियन की कमी के कारण अधिक दिक्कत आ रही हैं।
दर्जा नागरिक अस्पताल का सुविधाएं सीएचसी से भी कम
उचाना में कहने को तो 50 बेड का नागरिक अस्पताल है, लेकिन यहां सुविधाएं सीएचसी से भी कम हैं। अस्पताल का नया भवन तो बन गया, लेकिन चिकित्सकों की भारी कमी है। उचाना नागरिक अस्पताल (Jind Civil Hospital) में कुल 11 चिकित्सकों के पद स्वीकृत हैं। इसके बदले महज पांच ही चिकित्सक तैनात हैं। इसके अलावा दो पीएचसी में दस चिकित्सकों के स्वीकृत पद हैं। यहां छह चिकित्सक कार्यरत हैं। क्षेत्र के उप स्वास्थ्य केंद्रों में 11 चिकित्सकों के पद स्वीकृत हैं और छह तैनात हैं।
चिकित्सकों की स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ी बाधा
स्वास्थ्य सेवाओं में चिकित्सकों की कमी सबसे बड़ी बाधा है। यदि कुछ संसाधन कम हैं और चिकित्सक पर्याप्त हैं तो कम चल सकता है। जिला में चिकित्सकों की भारी कमी है। इसका असर कार्यक्षमता पर भी पड़ता है। चिकित्सकों की तैनाती का रेशनेलाइजेशन करने की जरूरत है। इसको लेकर समय -सयम पर सरकार से मांग की जाती है। यह व्यवस्था सरकार के स्तर पर होनी है।
डा. विजेंद्र ढांडा, जिला प्रधान एचसीएमएस
सरकार से की है मांग
चिकित्सकों की कमी है, लेकिन इसके बावजूद बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं दी जा रही हैं। पिछले दिनों ही जिला को 18 चिकित्सक मिले हैं। जिन चिकित्सकों की कमी है, उनकी मांग सरकार से की गई है। जींद के नागरिक अस्पताल (Jind Civil Hospital) में चिकित्सकों की संख्या लगभग पूरी हो गई है। जिला में तीन पीएचसी में चिकित्सकों की कमी थी, वहां के लिए नागरिक अस्पताल से चिकित्सक भेजे गए हैं। जैसे ही नए चिकित्सक आते हैं, व्यवस्था और अधिक बेहतर होंगी।
डा. सुमन कोहली, सिविल सर्जन











