Jind Nagar Parisad Boundry : हरियाणा के जींद में नगर परिषद ने शहर की सीमा बढ़ाने की योजना बनाई है। शहर के आसपास बस चुकी आबादी को नगर परिषद की सीमा के अंदर लाने के लिए ड्रोन से सर्व करवाया जाएगा। इसके लिए नगर परिषद ने टेंडर लगा दिया है। टेंडर लेने वाली एजेंसी सर्वे करके ये पता लगाएगी कि नगर परिषद के साथ लगते क्षेत्र में कितने मकान हैं और उनकी आबादी कितनी है। उन लोगों का व्यवसाय क्या है। सर्वे करने के बाद उन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों से आपत्तियां भी मांगी जाएगी। उसके बाद नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा।
शहर के साथ लगता अगर कोई नगर परिषद (Nagar Parisad) में शामिल होना चाहता है, तो इसके लिए संबंधित गांव की पंचायत को प्रस्ताव पारित करके देना होगा। बता दें कि सफीदों रोड, नरवाना रोड, रोहतक रोड, भिवानी रोड, गोहाना रोड की तरफ दूर तक शहर का विस्तार हो चुका है। गोहाना रोड पर पांडू पिंडारा के पास नया बस स्टैंड बना है। पिंडारा गांव बिल्कुल शहर के अंदर आ चुका है।
रोहतक रोड पर नई अनाज मंडी के साथ गोबिंदपुरा गांव है। वहीं अनाज मंडी के सामने किशनपुरा गांव है। कैथल रोड की तरफ अमरहेड़ी व अहिरका गांव तक और भिवानी रोड पर घिमाना गांव तक शहर का विस्तार हो चुका है। अगर ये गांव शहर में शामिल कर लिए जाएं, तो जींद को नगर परिषद से नगर निगम का दर्जा मिल सकता है।
Jind Nagar Parisad : प्रापर्टी के लेनदेन में आती है दिक्कत
Jind शहर में सैकड़ों परिवार ऐसे हैं, जो दो से तीन दशक से बाहरी क्षेत्र में मकान बनाकर रह रहे हैं। लेकिन नगर परिषद के अधीन नहीं आने की वजह से सीवरेज व पेयजल लाइन, पक्की गलियां जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। प्रापर्टी आइडी नहीं होने की वजह से मकान व प्लाट की रजिस्ट्री भी नहीं हो पाती है।
- जींद शहर की स्थिति
- कुल आबादी : करीब सवा दो लाख
- नगर परिषद सीमा क्षेत्र : करीब 35 वर्ग किलोमीटर
- 15 साल में कितना विस्तार हुआ : 5 वर्ग किलोमीटर से ज्यादा
- वार्ड की संख्या : 31
नगर परिषद (Nagar Parisad) कार्यकारी अधिकारी ऋषिकेश चौधरी ने बताया कि नगर परिषद सीमा के बाहर जो आबादी बसी हुई है, उसको सीमा के अंदर शामिल किया जाएगा। ड्रोन से सर्वे करवाया जाएगा। टेंडर लगा दिया गया है। टेंडर लेने वाली एजेंसी को करीब चार माह में ड्रोन से सर्वे करके रिपोर्ट देनी है। उस आबादी में रहने वाले परिवारों की संख्या और उनके व्यवसाय की जानकारी भी एजेंसी को देनी होगी। उसके बाद आपत्तियां मांग जाएंगी और प्रक्रिया पूरी होने के बाद नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। नगर परिषद के अधीन आने से उन परिवारों को मूलभूत सुविधाएं मिलेंगी। इससे नगर परिषद को भी राजस्व प्राप्त होगा।











