Jind Sunil Kapoor suside case : जींद के आसरी गेट निवासी सुनील कपूर की उत्तराखंड के देहरादून में मौत हो गई। पुलिस के अनुसार सुनील कपूर ने शनिवार शाम को हरिद्वार में जींद CIA के पुलिस कर्मचारी को गोली मारी थी, जिसके बाद वह भागता फिर रहा था। रविवार को पुलिस ने देहरादून में एक मकान में सुनील कपूर को घेर लिया तो सुनील ने खुद को गोली मार कर सुसाइड कर लिया। सुनील कपूर को शहर में RTI एक्टिविस्ट (RTI Activist Sunil Kapoor) कहा जाता था और उसने सोशल मीडिया को हथियार बनाकर करप्शन के कई मामले एक्सपोज किए थे। इसके चलते शहर में काफी चर्चित रहता था और कइयों को खटकने भी लगा था।
IPS अधिकारी के मामले में सुनील कपूर ऐसा उलझा कि उसे आखिरकार आत्महत्या करनी पड़ी। 35 वर्षीय सुनील कपूर ने 2014-15 में सोशल मीडिया पर फेसबुक पर पेज बनाया और करप्शन के खिलाफ जंग शुरू की। बताया जा रहा है कि इसका एक्सेस दुबई में दे रखा था और VPN बदल कर सुनील कपूर इसे हैंडल करता था। सुनील ने कई विभागों में RTI लगाई। शर्ट के अंदर कैमरा लगाकर कई स्टिंग किए। जींद में पुलिस कर्मचारी की रिश्वत लेते हुए वीडियो बनाई और इसे वायरल कर दिया, जिसके बाद पुलिस कर्मी सस्पेंड हो गया।
तहसील कार्यालय में फर्द निकलवाने के नाम पर रुपए मांगे जा रहे थे, जिसका स्टिंग करके सुनील कपूर ने एक्सपोज किया और कर्मचारी को सस्पेंड करवाया। पुलिस थाना के सामने लकड़ियों से संबंधित भी घोटाले को सुनील कपूर ने पकड़वाया। इसके अलावा शहर में मेडिकल स्टोर व दूसरी जगह मिल रही नशीली दवाओं का स्टिंग किया और कइयों के खिलाफ कार्रवाई करवाई। हालांकि इस दौरान कुछ लोगों ने सुनील कपूर के कंधे को इस्तेमाल कर के अपने निजी हित भी साधे।
Jind Sunil Kapoor suside case : आसरी गेट पर चलाता था दुकान
सुनील कपूर आसरी गेट पर ही आभूषण के अंदर लगने वाले नगों की दुकान चलाता था। सुनील कपूर के पूरे घर में और दुकान के अंदर तथा चारों तरफ कैमरे लगे हैं। वह हर समय कैमरे की नजर में रहता था। एक साल पहले आईपीएस अधिकारी मामले के बाद से वह अंडरग्राउंड हो गया था। सुनील के घर पर उसकी बहन व मां रहते हैं। शनिवार शाम को सीआईए पुलिस कर्मी को गोली मारने की घटना के बाद से ही सुनील के घर सन्नाटा पसरा पड़ा है।
Jind Sunil Kapoor suside case : RTI लगाने, स्टिंग करने पर हुआ हमला, गन का लाइसेंस बनवाया
पुलिस समेत दूसरे विभागों का स्टिंग करने, आरटीआई लगाने के मामले में सुनील कपूर कइयों को खटकने भी लगा था। इस दौरान साल 2018 में सुनील कपूर पर दुकान में घुसकर जानलेवा हुआ था। नकाबपोश बदमाशों ने उस पर लाठी डंडे बरसाए थे। उस समय भी शहर के कई महत्वपूर्ण लोगों के साथ एक पुलिस अधिकारी पर आरोप लगाया गया था। हमले के बाद सुनील कपूर को जिला पुलिस की तरफ से सिक्योरिटी भी मिली थी। इसके अलावा उसने अपना गन का लाइसेंस भी बनवा लिया था। बाद में सिक्योरिटी तो हट गई थी लेकिन गन का लाइसेंस अभी भी चल रहा था।
Jind Sunil Kapoor suside case : IPS अधिकारी मामले में फंसा
अक्टूबर 2024 में जींद जिले के IPS अधिकारी पर महिला पुलिस कर्मियों द्वारा कथित यौन शोषण के आरोपों की एक चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल हुई। इतना नहीं इस चिट्ठी को डीजीपी, महिला आयोग, सीएम और गृह मंत्री के नाम भी ई-मेल के जरिए भेजा गया था। चिट्ठी में कुछ महिला पुलिस कर्मियों के नाम लिखे हुए थे और इसमें IPS अधिकारी पर आरोप लगाए थे। हिसार SIT ने मामले की जांच की तो इसमें सामने आया कि चिट्ठी वायरल करने के लिए जिस वाई-फाई डिवाइस से संदिग्ध ई-मेल भेजे गए, वह सुनील कपूर के नाम पर पंजीकृत है।
इसी के जरिये उच्चाधिकारियों को यौन शोषण की शिकायत वाला पत्र भेजा गया था। इस दौरान IPS का भी ट्रांसफर हो गया था। बाद में IPS अधिकारी पर लगे आरोपों में कोई सच्चाई नहीं मिली और उन्हें क्लीन चिट मिल गई। सुनील कपूर के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ तो सुनील अंडरग्राउंड हो गया। नवंबर 2024 के बाद से ही सुनील अभी भी अंडरग्राउंड ही चल रहा था।
जींद के एसपी कुलदीप सिंह ने बताया कि शनिवार को हरिद्वार में सुनील कपूर की लोकेशन मिली थी और सीआईए टीम उसे पकड़ने के लिए गई हुई थी। शाम को नए बस स्टैंड के नजदीक SI सुरेंद्र सुनील को पकड़ने की कोशिश करने लगा तो सुनील ने उस पर फायरिंग कर दी। इसमें सुरेंद्र घायल हो गया।
सीआईए स्टाफ प्रभारी SI मनीष कुमार ने बताया कि आरोपी सुनील कपूर के देहरादून में होने की सूचना पर हरियाणा पुलिस, हरिद्वार पुलिस और देहरादून पुलिस की टीम ने दबिश दी। सुनील कपूर अपने रिश्तेदार के घर पर छिपा हुआ था और कमरे का दरवाजा बाहर से बंद कर रखा था। जब पुलिस ने दरवाजा खुलवाया तो वह पुलिस को देखकर घबरा गया और अपने असलाह से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। उत्तराखंड पुलिस मामले की जांच कर रही है।











