Jind Civil Hospital : जींद जिला मुख्यालय स्थित सिविल अस्पताल (Jind Civil Hospital) के 50 साल पुराने भवन पर स्वास्थ्य विभाग 15 करोड़ रुपये खर्च कर मरम्मत कर रहा है। वहीं इसी भवन में बनाई गई लैब के फर्श की करीब पांच साल पहले लगाई गई टायल अचानक चटक कर टूट गई। दोपहर करीब एक बजे लैब में काफी मरीज सैंपल देने आए हुए थे। वहीं बाहर की ओर रिपोर्ट लेने वाले मरीजों की भी लाइन लगी हुई थी।
इस दौरान लैब से कुछ चटकने की आवाज जोर जोर से आने लगी। इस पर अस्पताल (Jind Civil Hospital) में पहुंचे मरीज व स्टाफ घबरा गए। इस पर स्टाफ में भी हड़कंप मच गया और मरीजों को बाहर निकाल कर गेट तक बंद करने पड़े। इससे पुराने भवन में खर्च किए जा रहे करोड़ों रुपये पर फिर से प्रश्न उठ रहे हैं। दरअसल पुराना भवन 50 पहले बनाया गया था। दो बाद इस भवन करोड़ों रुपये खर्च मरम्मत की जा चुकी है।
अब प्रदेश सरकार ने जिला स्तर के सभी अस्पतालों को निजी अस्पतालों की तर्ज पर आकर्षक व सुंदर बनाने का फैसला लिया है। इसके तहत स्वास्थ्य विभाग ने जींद में पुराने भवन की ही मरम्मत करने का फैसला लिया। हालांकि लोक निर्माण विभाग भी 50 साल बाद भवन को जर्जर घोषित कर देता है, लेकिन इस मामले में अधिकारियों ने कहा कि भवन मजबूत है और इसकी मरम्मत की जा सकती है।

इसके लिए लोक निर्माण विभाग ने 14. 91 करोड़ रुपये का एस्टीमेट बनाया है। इस पर कार्य भी शुरू हो गया है। लोक निर्माण विभाग ने 15 सितंबर तक काम पूरा करने का लक्ष्य लिया था, लेकिन मौसम खराब रहने से काम में काफी देरी हो रही है।
मरम्मत कार्य ही असर
हालांकि इस मामले की जांच लोक निर्माण विभाग करेगा कि लैब में पूरे फर्श की टायल क्यों टूटी। लेकिन अस्पताल स्टाफ (Jind Civil Hospital) का कहना है कि पुराने भवन में ही चल रहे मरम्मत कार्य के कारण अस्पताल में ड्रिल कार्य भी किया जा रहा है। इसके चलते पूरे भवन में कंपन बन रही है। हो सकता है इसके चलते ही फर्श की टायल चटक गई हों। अभी मरम्मत कार्य चल रहा है। ऐसे में भवन के अन्य हिस्सों में भी दिक्कत आ सकती है।
पहले ही मरम्मत पर उठ रहे हैं प्रश्न
नागरिक अस्पताल (Jind Civil Hospital) के मरम्मत कार्य पर पहले ही प्रश्न उठ रहे हैं। अस्पताल के ही कई अधिकारी पुराने भवन पर करोड़ों रुपये खर्च करने की बजाय नया भवन बनाया जाए। इसका मुख्य कारण यही है कि भवन पुराना हो चुका है। अब इस पर करीब 15 करोड़ रुपये सिविल कार्य के व अन्य कार्यों पर पांच करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
कोई गंभीर मामला नहीं है, टायल दोबारा लगवाएंगे
इस बारे में अस्पताल (Jind Civil Hospital) के अधिकारियों से बात हुई है। मौके पर मौजूद लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर ने बताया है कि टायल में हवा जाने के कारण ऐसा होता है। एक बार हवा चली जाए तो सभी टायल उखड़ जाती हैं। यह गंभीर मामला नहीं है। टायल ठीक करवा दी जाएंगी।
डा. सुमन कोहली, सिविल सर्जन।











