Success Story Gurudev Chibbar : कहते हैं कि कि मेहतन करने वालों की कभी हार नहीं होती। अगर आप किसी काम को सिद्धत से करने लग जाओ तो उसमें आपको एक न एक दिन सफलता जरूर मिलती है। यह सिद्ध कर दिखाया है हरियाणा के अंबाला जिले के गुरुदेव दत्त छिब्बर ने । गुरुदेव ने छोटे से गांव से निकल कर आज बड़ा एम्पायर खड़ा कर दिया है।
तीन साल में दसवीं पास करने वाले गुरुदेव दत्त आज करोड़ों रुपयों की कमाई कर रही हैं। हालांकि इतनी आसानी से वह इस मुकाम पर नहीं पहुंचे, इसके लिए उसे काफी संघर्ष करना पड़ा। आइये जानते हैं गुरुदेव दत्त छिब्बर की सफलता की कहानी।
अंबाला के गांव मुस्तफाबाद के रहने वाले गुरुदेव दत्त छिब्बर ने किसान के घर जन्म लेने के बाद शुरुआती दौर से ही संघर्ष शुरू कर दिया था। करोड़ों रुपये की मेडिकल इंडस्ट्री खड़ी करने वाले छिब्बर की आज हरियाणा के बड़े उद्योगपतियों में पहचान है। गुरुदेव दत्त छिब्बर की उम्र इस समय करीब 71 साल है, लेकिन आज भी वे बच्चों के साथ मिलकर खुद ही अपना कारोबार संभालते हैं।
गुरुदेव दत्त छिब्बर बताते हैं कि आर्थिक तंगी के बावजूद उन्हें पढ़ाई का बहुत शौक था। दसवीं की परीक्षा पास करने के लिए उन्हें तीन बार कोशिश करनी पड़ी, लेकिन हार मानने के बजाय उन्होंने डटे रहकर पढ़ाई पूरी की। 18 साल की उम्र में उन्होंने खुद के पैरों पर खड़े होने का निर्णय लिया और दवाइयों की कंपनी में काम शुरू कर दिया। इसके बाद खुद की दवाई कंपनी बनाई और निकल पड़े।
शुरुआती दिनों में उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। वे खुद दवाइयों का प्रचार करने के लिए देशभर में घूमते थे और अपनी कंपनी की पहचान बनाते थे। उनकी मेहनत और गुणवत्ता पर ध्यान देने की आदत ने उनकी कंपनी को नई ऊंचाई दी।
आज गुरुदेव दत्त की दवाइयों की सप्लाई इंडिया ही नहीं बल्कि कई देशों में होती है। कोविड महामारी के समय जब दुनिया को वैक्सीन की सबसे ज्यादा जरूरत थी, तब उनकी कंपनी भारत की उन कुछ कंपनियों में शामिल थी जिन्हें वैक्सीन सप्लाई की मंजूरी मिली थी। यह उनके लिए सिर्फ व्यापार का मौका नहीं था, बल्कि मानवता की सेवा करने का एक सुनहरा अवसर भी था। उनकी कंपनी के इस प्रयास ने हजारों लोगों की जान बचाई और उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई।
हरियाणा के बड़े टैक्सपेयर और हजारों लोगों को रोजगार
गुरुदेव दत्त छिब्बर की कंपनी में इस समय हजारों लोग काम कर रहे हैं। उनकी फैक्ट्री में हर दिन लाखों की संख्या में दवाइयां बनाई जाती हैं। गुरुदेव हरियाणा सरकार को भारी मात्रा में टैक्स देते हैं, इसी वजह से उन्हें हरियाणा का नंबर वन टैक्स पेयर का खिताब भी मिल चुका है।











