Lado Lakshmi Yojna : हरियाणा सरकार द्वारा लाडो लक्ष्मी योजना शुरू कर दी गई है। एक नवंबर 2025 से महिलाओं के बैंक खाते में 2100 रुपए आने शुरू हो जाएंगे। शुरुआती चरण में जिन परिवारों की आय एक लाख से कम है, उन्हीं परिवार की महिलाओं को कुछ और शर्तों के साथ 2100 रुपए प्रतिमाह का लाभ मिलेगा लेकिन अगर किसी भी महिला ने गलत तथ्य देकर या गलत जानकारी देकर योजना का लाभ लेने की कोशिश की तो उससे 12 प्रतिशत ब्याज के साथ रिकवरी होगी।
सभी जिलों में समाज कल्याण अधिकारी को यह रिकवरी वसूलने का अधिकार होगा। रुपये नहीं लौटाने पर महिला के परिवार के सदस्य (पति/बेटा) से हरियाणा भूमि राजस्व अधिनियम के तहत भू-राजस्व के बकाया के रूप में यह वसूल की जाएगी। अगर उनके परिवार के पास कोई चल या अचल संपत्ति नहीं है तो कार्रवाई भी की जा सकेगी।
हर महीने जिंदा होने का प्रमाण पत्र देना होगा
लाडो लक्ष्मी योजना की पात्र महिलाओं को मोबाइल एप के जरिए खुद के जिंदा होने का प्रमाण पत्र हर महीने देना होगा। एप से ही पहचान, वेरिफिकेशन, समाधान, शिकायत, निगरानी की जा सकेगी। आवेदन करने के बाद एक रजिस्ट्रेशन आईडी मिलेगी। सभी पंजीकृत आवेदन CRID (क्रिड) को भेजे जाएंगे। क्रिड 15 दिनों में पीपीपी व अन्य सत्यापन तंत्रों से मिलान करके विवरण का सत्यापन करेगा। उसके बाद क्रिड पात्र लाभार्थियों की सूची तैयार कर पात्र महिलाओं को एसएमएस भेजेगा और पूछेगा कि वह 2100 रुपये प्रति माह ही लेना चाहती हैं या इससे कम।

लगातार दो महीने तक भुगतान विफल रहता है तो आगे पैसा जारी नहीं होगा। भुगतान तभी शुरू होगा, जब बैंक खाता विवरण परिवार पहचान पत्र (PPP) में अपडेट होगा। वित्तीय सहायता उसी महीने से अर्जित होगी, जिसमें आईडी जनरेट हुई होगी और राशि उसके अगले महीने से मिलेगी।
प्रमाण भी देना होगा। उनको लाडो लक्ष्मी एप के माध्यम से चेहरे का प्रमाणीकरण पूरा करके हर महीने लाइवनेस डिटेक्शन (बायोमेट्रिक सुरक्षा तकनीक) से गुजरना होगा। क्रिड सभी पात्र लाभार्थियों को हर महीने एसएमएस भेज इसके बारे में याद भी दिलाएगा।
एक फोन से 25 महिलाएं करा सकेंगी रजिस्ट्रेशन
कैबिनेट मंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने बताया एक मोबाइल फोन से 25 महिलाएं रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगी। खजाने पर चार हजार 62 करोड़ सालाना का बोझ पड़ेगा। सरकार ने इस योजना के क्रियान्वयन व निगरानी के लिए कमेटी गठित कर दी है। एसईडब्ल्यूए (सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग) के निदेशक कमेटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी होंगे। भविष्य में महिला की नौकरी लग जाती है अथवा परिवार गरीबी रेखा से बाहर हो जाता है तो लाभ मिलना बंद हो जाएगा। लाभार्थी की मृत्यु होने पर भी भुगतान बंद होगा। महिला चाहे तो स्वेच्छा से कम राशि लेने का विकल्प भी चुन सकती है।











