IMT Haryana Jind : हरियाणा में 6 जगहों पर सरकार द्वारा IMT बनाने की घोषणा की हुई है। जींद में किसान आईएमटी का विरोध कर रहे हैं। किसानों के आरोप थे कि उनकी मर्जी के बिना ई-भूमि पोर्टल पर किसानों की जमीन देने की सहमति को लेकर रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है। डीसी और सीएम के नाम ज्ञापन दिए जाने, प्रदर्शन के बाद प्रशासन ने कहा है कि अब नए सिरे से किसानों की सहमति के बाद ही जमीन का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा।
जींद के डीसी मोहम्मद इमरान रजा ने जिले में प्रस्तावित IMT के लिए भूमि खरीद प्रक्रिया को लेकर HSIIDC के अधिकारियों की बैठक ली। डीसी ने कहा कि IMT परियोजना के लिए नए सिरे से किसानों की सहमति से ई- भूमि पोर्टल पर जमीन का पंजीकरण होगा। इस प्रक्रिया में प्रशासन की सक्रिय भागीदारी होगी। किसानों की इच्छा से ई- भूमि पोर्टल पर आवेदन लिए जाएंगे।
इतना ही नहीं, किसान पोर्टल पर अपनी जमीन की कीमत का ब्यौरा भी दर्ज करवा सकते हैं। डीसी ने बताया कि कुछ लोगों द्वारा इसको लेकर भ्रांति फैलाई जा रही है। कोई भी किसान और जमीन मालिक किसी के बहकावे में न आए। HSIIDC को कहा गया है कि किसानों (IMT Haryana) की सहमति से जमीन ई- भूमि पोर्टल पर पंजीकरण करवाने की प्रक्रिया दोबारा शुरू करें। इस संदर्भ में संबंधित व्यक्तियों की सहमति जरूरी है।
IMT Haryana : डीसी ने कहा, सहमति के बिना नहीं होगा पंजीकरण
डीसी (DC) ने कहा कि सरकार किसानों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। सभी संबंधित पक्षों से बातचीत करके इस परियोजना को आगे बढ़ाया जाएगा। पूर्व में लिए गए पंजीकरणों को वापस लिया जाएगा और नए सिरे से पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। संबंधित गांवों के किसानों व जमीन मालिकों के साथ बैठक करके उनकी शंकाओं को दूर किया जाएगा, ताकि किसानों को सही जानकारी प्राप्त हो सके।
भूमि पंजीकरण की प्रक्रिया भूमि मालिक की सहमति से की जाएगी। बिना सहमति के कोई पंजीकरण नहीं होगा। आइएमटी परियोजना की स्थापना पारदर्शी, न्यायसंगत एवं किसान हितैषी तरीके से की जाएगी।
IMT Haryana : 12 हजार एकड़ में प्रस्तावित है आइएमटी
जींद जिले में सरकार ने 12 हजार एकड़ में आइएमटी बनाने की योजना बनाई है। जिसके लिए अलेवा, हसनपुर, नगूरां, दिल्लूवाला, गोहियां, मांडी, खांडा, खरक गादियां, बनिया खेड़ा, ढाठरथ, जामनी, मुराली खेड़ा में किसानों से जमीन मांगी गई है। लेकिन किसान इसका विरोध कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि उन्होंने अपनी जमीन देने के लिए सहमति नहीं दी।
इसके बावजूद एग्रीगेटर ने उनकी बगैर सहमति के पोर्टल पर चढ़ा दी। एग्रीगेटर की तरफ से कहा गया कि किसानों ने प्रति एकड़ ढाई करोड़ की मांग की है, जबकि कलेक्टर रेट 19 लाख रुपये है। किसान पोर्टल पर किए गए जमीन के पंजीकरण को रद करने और एग्रीगेटर के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। जिसकी शिकायत पुलिस को भी दी हुई है। इस मामले में वीरवार को किसानों ने अलेवा में केंद्र व प्रदेश सरकार पुतला भी जलाया था।
IMT Haryana : रजिस्ट्रेशन कैंसिल करके एग्रीगेटर के खिलाफ हो कार्रवाई
किसान नेता सुशील नरवाल ने कहा कि किसी भी कीमत पर वे अपनी जमीन आइएमटी के लिए नहीं देंगे। सरकार को जमीन लेनी है, तो पहले सभी किसानों की सहमति ले। अगर किसान सहमत नहीं हैं, तो आइएमटी की परियोजना को वापस ले। किसानों की सहमति लिए बगैर एग्रीगेटर ने पोर्टल पर उनकी जमीन का पंजीकरण कर दिया और खुद ही ढाई करोड़ रुपये प्रति एकड़ की डिमांड भी भेज दी।
जिसके फार्म भी किसानों को भेज दिए गए। उनकी मांग है, पोर्टल पर जो किसानों की सहमति बगैर जो पंजीकरण किए हैं, उन्हें रद किया जाए और एग्रीगेटर के खिलाफ मामला दर्ज करके कार्रवाई की जाए। अगर ये मांग नहीं मानी जाती है, तो वे आंदोलन को तेज करेंगे। इस संबंध में वीरवार को वे अलेवा थाना प्रभारी से भी मिले थे।
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