Jind IMT Haryana : हरियाणा के जींद जिले में शुरू होने वाली बड़ी औद्योगिक परियोजना इंडस्ट्रियल माडल टाउनशिप (IMT Haryana) को लेकर बड़ा विवाद शुरू हो गया है। किसानों का आरोप है कि बिना उनकी अनुमति व जानकारी के ही ई-भूमि पोर्टल पर जमीन चढ़ा दी गई है। यह पूरी तरह से गैरकानूनी है। इसको लेकर किसान जींद में जिला मुख्यालय पर बड़ा प्रदर्शन कर चुके हैं। अब जमीन ई-भूमि पोर्टल पर अपलोड होने की शिकायत पुलिस को भी दी गई है।
गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने जिला में बड़ी औद्योगिक परियोजना (Jind IMT Haryana ) की घोषणा की है। यह आइएमटी अलेवा पिल्लूखेड़ा खंड के 12 गांवों की जमीन पर बनाई जानी है। इसके लिए 12 हजार एकड़ जमीन अधिग्रहित की जानी है। इसके लिए सरकार ने ई-भूमिक पोर्टल पर जमीन देने के ईच्च्छु किसानों से आवेदन मांगे हैं। हालांकि आइएमटी की घोषणा होने के साथ ही किसानों न जमीन नहीं देने की बात कहते हुए विरोध शुरू कर दिया है।
अब ई-भूमि (E Bhoomi) पोर्टल पर मांडी गांव के एक किसान की जमीन अपलोड होने से किसानों में रोष है। किसानों का साफ कहना है कि उनकी कृषि योग्य जमीन उनके लिए सबकुछ है। ऐसे में वे अपनी जमीन का एक इंच भी नहीं देंगे। इसको लेकर कई दिन से किसानों की संघर्ष समिति क्षेत्र में अभियान चला रही थी और 19 सितंबर को जींद में बड़ा प्रदर्शन किया। इसमें सैकड़ों ट्रैक्टर लेकर किसान अपनी ताकत दिखाने पहुंचे।
अब किसानों ने सरकार पर जबरन जमीन लेने का आरोप लगाए हैं। यह मामला अलेवा थाना में पहुंच चुका है। इसके लिए मांडी निवासी एक किसान ने बिचौलिए पर पोर्टल के माध्यम से परिवार की बिना अनुमति के उनकी जमीन चढाने के आरोप लगाते हुए शिकायत पुलिस को दी है। हालांकि 12 गांव के किसान प्रस्तावित आइएमटी के लिए सरकार पर जबरन जमीन लेने का आरोप लगाते हुए 19 सितंबर को जींद में एक बड़ा प्रदर्शन कर चुके हैं।
Jind IMT Haryana : नहीं दिया जा रही जमीन
इस मामले को लेकर मांडी खुर्द निवासी सुरजमल ने अलेवा थाना पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उनका रकबा खेवट नंबर 46, खतोनी नंबर 60, खसरा नबंर 24,25,26,27,28 में मालिकाना हक है। मेरी जमीन मेरी अनुमति के बिना अग्रीगेटर मुकेश कुमार निवासी करेला से बात करने पर ठीक से कोई जवाब नहीं दे रहा और बोलता है कि आफिस आकर बात करो और कार्यालय के बारे में कोई जानकारी नहीं दे रहा है। जिससे मांडी खुर्द निवासी सुरजमल ने पुलिस से जांच कर उस व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है।
Jind IMT Haryana : जमीन किसानों की मां कोई नहीं ले सकता
किसानों ने प्रदर्शन कर ज्ञापन मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा था। गुस्साए किसानों का कहना था कि हमारी जमीन हमारी मां है और हम इसे किसी भी कीमत पर नहीं बेचेंगे। किसानों का कहना है कि सरकार ने उनकी सहमति के बिना लगभग 12 हजार एकड़ उपजाऊ जमीन को आइएमटी के लिए पोर्टल पर चढ़ा दिया। इस जमीन का मूल्यांकन मात्र 2.5 करोड़ रुपये प्रति एकड़ किया गया। जोकि किसान किसी भी कीमत पर जमीन नहीं देगें। हमने कोई सहमति नहीं दी फिर भी हमारी जमीन जबरन पोर्टल पर डाल दी। ऐसा करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है।
Jind IMT Haryana : मांगें पूरी न हुईं तो बड़ा आंदोलन करेंगे : सुशील
किसान नेता सुशील नरवाल का कहना है कि किसानों ने 19 सितंबर को उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें जमीन अधिग्रहण रद्द करने, उचित मुआवजे और जबरन पोर्टल अपलोड बंद करने की मांग की गई। प्रशासन को 15 दिनों का समय दिया गया है। किसानों ने चेतावनी दी कि यदि मांगें पूरी न हुईं तो वे बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे। किसान नेता ने कहा कि अगर 15 दिन में उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो किसान जल्द एक बैठक कर बिचौलिए के खिलाफ पुलिस में शिकायत देने के अलावा जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ लीगल नोटिस जारी करवाएगें।
Jind IMT Haryana : शिकायत मिली, किसान को समझाया : थाना प्रभारी
मामले को लेकर अलेवा थाना प्रभारी आत्माराम से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मांडी खुर्द निवासी एक व्यक्ति ने अग्रीगेटर मुकेश कुमार निवासी करेला के खिलाफ उनकी बिना सहमति के पोर्टल पर जमीन अपलोड करने के आरोप लगाए हैं। उनके द्वारा किसान को समझा गया है कि यह मामला थाना का न होकर तहसीलदार व जमीन से संबंधित अधिकारी का है।
आप वहां जाकर अधिकारी से मिलकर अपनी जमीन पोर्टल से हटवा सकते हैं। यह संभव नहीं है कि बिना किसान की सहमति के जमीन ई-भूमि पोर्टल पर अपलोड की जाए। ऐसा करना हर लिहाज से गलत है। यदि ऐसा किया है तो इसकी जांच की जाएगी। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, नियमानुसार कार्रवाई होगी। ई-भूमि पोर्टल पर किसान स्वेच्छा से जमीन दे सकते हैं।











