Jind Safidon Private Hospital : जींद के सफीदों में प्राइवेट अस्पताल में एक महिला की डिलीवरी के बाद जच्चा और बच्चा दोनों की मौत हो गई। मृतक के परिजनों ने अस्पताल के डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मृतक के शव को अस्पताल के बाहर जमकर हंगामा किया। परिजनों के बवाल काटते देख शहर थाना सफीदों और सदर थाना सफीदों पुलिस मौके पर पहुंची और परिजनों को शांत करवाने का प्रयास किया। इसके बाद अस्पताल संचालक को हिरासत में लिया गया, जिसके बाद परिजनों ने शव को उठाया और पोस्टमार्टम के लिए खानपुर पीजीआई भेजा।
जानकारी के अनुसार असंध के वार्ड 15 निवासी साहिल की पत्नी आरती की डिलीवरी होनी थी। 12 सितंबर की रात को आरती को सफीदों के अशोक वरदान अस्पताल में लेकर आए। 13 सितंबर को महिला को बच्ची ने जन्म दिया लेकिन डिलीवरी के बाद महिला की ब्लीडिंग नहीं रूकी और बच्चे के मुंह में भी गंदा पानी चला गया, जिससे उसे करनाल रेफर कर दिया। परिजन जब महिला और नवजात बच्ची को करनाल लेकर जाने लगे तो रास्ते में बच्ची की मौत हो गई।

महिला में डिलीवरी से पहले ही खून की कमी थी और डिलीवरी के बाद भी खून का स्त्राव कम नहीं होने के कारण वह बेसुध हो गई और उसे खानपुर पीजीआई रेफर किया गया। वहां उपचार के दौरान महिला आरती की भी मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया कि अशोक वरदान अस्पताल के डॉक्टरों की लापरवाही के कारण ही आरती और नवजात बच्ची की मौत हुई है। उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। रविवार सुबह परिजन मृतक आरती और बच्ची का शव लेकर अशोक वरदान अस्पताल के बाहर आ गए और यहां शव रखकर हंगामा शुरू कर दिया।
सिटी थाना प्रभारी दिनेश कुमार और सदर थाना प्रभारी डॉ. सुनील कुमार पुलिस बल के साथ पहुंचे और परिजनों को समझाने का प्रयास किया। इसके बाद भी परिजन नहीं माने। करीब तीन घंटे तक अस्पताल के बाहर जमकर बवाल काटा गया। इसके बाद पुलिस ने अस्पताल संचालक को हिरासत में लिया। इसके बाद परिजन शांत हुए और शव को उठाकर पोस्टमार्टम के लिए लेकर गए।
शहर थाना प्रभारी दिनेश कुमार ने कहा कि मृतक महिला के शव को पोस्टमार्टम के लिए खानपुर पीजीआई भेजा गया है। जो भी रिपोर्ट आएगी, उसके आधार पर आगामी कार्रवाई होगी। साथ ही डॉक्टरों के पैनल के गठन के लिए भी लिखा है, जो जांच करेगा कि अस्पताल की लापरवाही थी या नहीं।
वहीं अस्पताल संचालक अशोक का कहना है कि महिला में पहले से ही खून की कमी थी। डिलीवरी के बाद उन्होंने परिजनों को खून लेकर आने के लिए बोला था लेकिन वह न तो जींद गए और न ही पानीपत। इसलिए उन्होंने महिला को रेफर कर दिया। जब वह यहां से गए तो उस समय तक ठीक थे।











