Roadways Bus Pass in Private Buses not Valid : हरियाणा में प्राइवेट बस ऑपरेटर और परिवहन विभाग के बीच चल रहे विवाद के बीच हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट ने परिवहन विभाग के प्राइवेट बसों में भी रोडवेज बस पास लागू किए जाने के आदेशों पर सवाल खड़ा करते हुए उच्चाधिकारियों को नोटिस भेज कर जवाब मांगा है और आगामी आदेशों तक प्राइवेट बसों में रोडवेज के पास मान्य करने पर रोक लगा दी है।
दरअसल हिसार, फतेहाबाद और सिरसा के सचिव परिवहन प्राधिकरण (RTA) ने 8 अगस्त को कुछ आदेश जारी किए थे। इन्हीं आदेशों के खिलाफ डॉ. धन सिंह और अन्य प्राइवेट बस संचालकों ने याचिका लगाई। सुनवाई 12 सितंबर को हुई थी और कोर्ट का आदेश 15 सितंबर को वेबसाइट पर अपलोड हुआ।

याचिका में कहा गया कि विभाग द्वारा जारी आदेश न केवल असंवैधानिक हैं बल्कि मोटर व्हीकल एक्ट-1988 (MVA-1988) के भी खिलाफ हैं। कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट के पुराने आदेशों का हवाला देकर स्टे लगाने की मांग की गई। हाई कोर्ट ने परिवहन विभाग के प्रधान सचिव, राज्य परिवहन आयुक्त और तीनों जिलों के सचिव परिवहन प्राधिकरण को नोटिस जारी कर जवाब देने के लिए तलब किया है।
साथ ही ‘नोटिस री स्टे ऐज वेल’ कहा है, यानी स्टे पर भी विचार होगा। डॉ. धन सिंह ने बताया कि रोडवेज पास प्राइवेट बसों पर लागू नहीं किए जा सकते। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, जो विभाग पास जारी करेगा। वही भुगतान करेगा और वही सुविधा देगा। ऐसे में रोडवेज पास दिखाकर प्राइवेट बसों में सफर करना गैरकानूनी है।
प्राइवेट बस संचालकों ने पहले ही हिसार में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्पष्ट कर दिया था कि छात्र-छात्राएं और अन्य पास धारक प्राइवेट बसों में रोडवेज पास का इस्तेमाल न करें। यात्रियों से अपील की गई है कि प्राइवेट बस में सफर करने के लिए या तो टिकट लें या फिर अलग पास बनवाएं। इसके बाद मामला गर्मा गया था और कई जगहों से प्राइवेट बस कंडक्टरों के साथ झगड़े के मामले सामने आए थे।











